बादशाह की लाजवाब किताब
अकबर बादशाह ने एक पुस्तक लिखकर छपवाई थी. बादशाह उसे बहुत ही सुन्दर पुस्तक समझते थे. एक दिन बीरबल ने कहा - हुजूर ! आपने बड़ी कमाल की पुस्तक लिखी है . आज मैंने घीसा हलवाई के पास देखी थी. बादशाह ने पूछा - उसने पूरी पढ़ी थी ? क्या कहता था वह ? बीरबल ने कहा - हुजूर ! पढता न था ,वह तो उसमे चमचम बाँधकर बेचता है. इस पर बादशाह को बड़ी खिसियाहट हुई और उन्होंने सब पुस्तक इकट्ठी करवा कर अग्निदेव को भेंट कर दी.
रमजान का महीना
एक दिन बादशाह ने बीरबल से पूछा कि रमजान मास खुशी का होता है या बेखुशी का ? बीरबल ने कहा - हुजुर ! खुशी खुशी होती है । अकबर ने नाराज होकर पूछा - क्यों ? बीरबल ने कहा - हुजुर ! यदि खुशी खुशी न होता तो क्या उसके सिर में दर्द है जो हर साल बार -बार आता है । यह सुनकर बादशाह चुप हो गए ।
काली ही न्यामत है
एक बार बादशाह और बीरबल सड़क पर आ रहे थे। उन्होंने क्या देखा कि एक कुत्ता बासी और जली हुई रोटी खा रहा है। बादशाह की माँ का नाम न्यामत और बीरबल की माँ का नाम काली था। बादशाह ने हँसी में कहा - बीरबल ! देखो कुत्ता काली को खा रहा है ।
बीरबल ने तुरंत ही जबाब दिया - हुजूर ! उसके लिए वही न्यामत है । यह सुनते ही बादशाह पानी पानी हो गए और कुछ भी न कहा ।
खिजाब लगाने वालों के दिमाग नहीं होता
एक बार बादशाह खिजाब लगा रहे थे . वे मज़ाक में बीरबल को नीचा दिखाने के लिए बोले - बीरबल ! जो लोग खिजाब नहीं लगाते उनका दिमाग बड़ा रद्दी होता है. इस बात को सुनकर बीरबल ने उत्तर दिया - जहाँपनाह ! खिजाब न लगाने वालों का दिमाग तो ख़राब होता है , पर खिजाब लगाने वालों के दिमाग ही नहीं होता . उस दिन से बादशाह अकबर ने खिजाब लगाना छोड़ दिया .
आठ आठ बर्ष के राजकुमार
जब बादशाह अकबर की शहजादी १२ बर्ष की हो गयी ,तब उन्हें उसके विवाह की चिंता हुई । यह काम बीरबल सबसे अच्छा बना सकते थे। अतः बादशाह ने बीरबल को बुलाया और कहा - बीरबल ! कहीं कोई अच्छा सा १६ बर्ष का राजकुमार तलाश करो । बीरबल बादशाह का मतलब समझ गए और बोले - हुजूर ! अगर आठ आठ बर्ष के दो राजकुमार मिल जावें तो ? यह सुनकर बादशाह बड़े लज्जित हुए।
बीरबल का चौका
एक दिन अकबर बीरबल दोनों गाँव की सैर को निकले . दोनों अलग अलग बैगाडियों में सवार थे . रास्ते में भूख लगी तो बीरबल समोसा निकालकर खाने लगे . बादशाह ने देख लिया और कहा - बीरबल ! तुम कैसे ब्राह्मण हो जो बिना चौका दिए ही खा रहे हो . इस पर बीरबल ने कहा - हुजूर ! चौका भी तो इसके गोबर का लगता है जो इसमें जुता है . बादशाह निरुत्तर हो गए .
काली ही न्यामत है
एक बार बादशाह और बीरबल सड़क पर आ रहे थे। उन्होंने क्या देखा कि एक कुत्ता बासी और जली हुई रोटी खा रहा है। बादशाह की माँ का नाम न्यामत और बीरबल की माँ का नाम काली था। बादशाह ने हँसी में कहा - बीरबल ! देखो कुत्ता काली को खा रहा है ।
बीरबल ने तुरंत ही जबाब दिया - हुजूर ! उसके लिए वही न्यामत है । यह सुनते ही बादशाह पानी पानी हो गए और कुछ भी न कहा ।
Suresh Jain
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